वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />९ अप्रैल २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />न हुआ न हो रहा न होने के आसार,पर होता खूब प्रतीत होता ये संसार<br />संसार इतना आकर्षक मालूम क्यों पड़ता हैं ?<br />हम मै ये अभिमान क्यों रहता है कि हम संसार में बहुत महत्वपूर्ण हैं?